द फॉलोअप डेस्कः
सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह अभिभाषण सरकार का श्वेत पत्र होता है। इससे साफ़ स्पष्ट होता है सरकर राज्य को किस दिशा में ले जाना चाहती है। देश का सबसे पिछड़ा राज्य हमारा राज्य है। देश के आजादी के सबसे बड़े बड़े उद्योग इसी राज्य में लगे। इसके बावजूद राज्य के ऊपर कौन सा ऐसा अभिशाप लगा की भूमि हीन होने लगे पलायन करने लगे। यह बहुत गंभीर विषय है। जब अलग राज्य की मांग की गई तो लोग हमारा मजाक उड़ा रहे थे। पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने भले राज्य को अलग किया लेकिन राज्य की लड़ाई वर्षों वर्षों तक चली। हम लोग 2019 में नहीं आते तो क्या स्थिति होती राज्य की कोई नहीं जानता। सरकार बनने के बाद की कई तरह के हथकंडे अपनाये गए। हमारी सरकार प्रोजेक्ट बिल्डिंग से नहीं गांव से चने वाली सरकार है। कई राज्य अलग हुए है कोई राज्य भाषा और भौगोलिक दृष्टि से अलग हुआ है। झारखंड आंदोलन की उपज वाला राज्य है। राज्य के सर्वांगीण विकास की नींव डाल दी गई है अब उसपर काम करने की जरुरत है। काम कर लोगो को दिखाने का काम किया जाएगा। राज्य में श्रमिकों के लिए सबसे मजबूत कानून बनाया गया है। राज्य में चौमुखी विकास की लकीर खीचीं गई है।